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लखीमपुर खीरी में साठी धान बना मुसीबत:पर्यावरण पर पड़ रहा दूषित प्रभाव, Sathi Paddy Became Trouble in Lakhimpur Kheri

लखीमपुर खीरी में साठी धान बना मुसीबत:पर्यावरण पर पड़ रहा दूषित प्रभाव, Sathi Paddy Became Trouble in Lakhimpur Kheri

Sathi Paddy Became Trouble in Lakhimpur Kheri

Sathi Paddy Became Trouble in Lakhimpur Kheri: 
आपको पता है प्रति वर्ष पीने योग्य पानी की कमी हो रही है. हर वर्ष बारिश भी अपेक्षा के अनुरूप नही हो रही है. ऐसे में सोचनीय स्थिति यह हो गयी है कि अगले 10 से 20 वर्षो में जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. आपको मालूम होना चाहिए कि वर्ष 2022 में कितनी कम वरिश हुई और कितनी अत्यधिक मात्रा में साठा धान की फसल को लगाया गया था.
इसके साथ ही जितनी कम वारिश हो रही है, कुछ फॉर्म के मालिक उतनी ही ज्यादा मात्रा में साठा धान की फसल लगाने के लिए आतुर है. बारिश हो या ना हो. उन पर क्या फर्क पड़ता है.

पिछले वर्ष भूड (रेतीले इलाके) इलाको में 20 से 30 फिट की नल मशीन लग गयी थी तो इस वर्ष क्या स्थिति होगी इसका आप खुद ही अंदाजा लगा सकते है.

कुछ बड़े किसान अपने थोड़े से फायदे के लिए सिमित पीने योग्य पानी को नष्ट करने पर तुले है वो सोचते है अगर पानी खत्म भी हो जायेगा तो पानी खरीद लेंगे लेकिन साठा धान को लगाना नहीं छोड़ेंगे.

उनको नहीं पता वो तो पानी खरीद कर पि सकते है लेकिन 60% जो गरीब तबका है वो पानी को केसे खरीदेगा. इन कुछ बड़े किसानो की बुद्धि ने शायद काम करना बंद कर दिया है.

इसलिए आप लोगो से हाथ जोड़कर विनती है आप लोग साठा धान का वहिष्कार करे और इस पोस्ट को अपने दोस्तों रिश्तेदारों में इतना शेयर करो कि यह पोस्ट प्रशासन और उन बड़े किसानो तक जरुर पहुच जाये जो पीने योग्य पानी को नष्ट कर रहे है. धन्यवाद !

1 Response to "लखीमपुर खीरी में साठी धान बना मुसीबत:पर्यावरण पर पड़ रहा दूषित प्रभाव, Sathi Paddy Became Trouble in Lakhimpur Kheri"

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