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NaMo TV | जानिए- कैसे अपने ही नियमों का उल्लंघन कर रही है सरकार

NaMo TV | जानिए- कैसे अपने ही नियमों का उल्लंघन कर रही है सरकार

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31 मार्च, 2019 को एक चैनल लॉन्च हुआ जो पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का भाषण चौबीस घंटे दिखाता है. ये चैनल डीटीएच के सभी बड़े नेटवर्क पर उपलब्ध है. लॉन्च के बाद से ही, नमो टीवी की वैधता और ओनरशिप पर सवाल खड़े हो रहे हैं. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग को शिकायत में लिखा है कि नमो टीवी आचार संहिता का उल्लंघन है.


क्या नमो टीवी के पास लाइसेंस है?
नहीं. 31 मार्च 2019 को सूचना और प्रसारण मंत्रालय की घोषणा के मुताबिक, नमो टीवी अनुमति वाले प्राइवेट सैटेलाइट टीवी चैनलों की लिस्ट में शामिल नहीं है.

इससे फर्क नहीं पड़ता कि 'नमो टीवी' न्यूज, एंटरटेनमेंट, स्पोर्ट्स या होम-शॉपिंग चैनल है. सूचना प्रसारण मंत्रालय की सैटेलाइट चैनलों की लिस्ट में उन सभी चैनलों के नाम हैं, जिन्हें सैटेलाइट के जरिए प्रसारण की इजाजत है. बल्कि, मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि नमो टीवी ने प्रसारण लाइसेंस के लिए आवेदन भी नहीं किया है.

अब क्योंकि नमो टीवी को सूचना प्रसारण मंत्रालय से मंजूरी नहीं मिली है, इसलिए इसके मालिक को लेकर कोई जानकारी नहीं है. ये अभी नहीं मालूम है कि चैनल के मालिक के पास सुरक्षा मंजूरी है या नहीं और क्या वो टीवी चैनलों के लिए फॉरन इनवेस्टमेंट के नियमों का पालन कर रहे हैं.

विज्ञापन है या न्यूज चैनल?
या फिर कुछ और? नमो टीवी को लेकर जब विवाद शुरू हुआ, तो टाटा स्काई ने ट्वीट कर कहा कि 'नमो टीवी हिंदी न्यूज सर्विस है.' लेकिन फिर, टाटा स्काई के सीईओ ने एनडीटीवी से कहा कि नमो टीवी न्यूज चैनल नहीं, बल्कि एक स्पेशल सर्विस चैनल है.

भले ही 'नमो टीवी' होम-शॉपिंग, न्यूज या एंटरटेनमेंट चैनल हो, सैटेलाइट चैनल के तौर पर प्रसारण के लिए इसे फिर भी लाइसेंस की जरुरत है. ये लाइसेंस इसके पास नहीं है. तो ये चैनल ऑन-एयर कैसे हुआ?

तो नमो टीवी क्या एक सर्विस चैनल है? सर्विस चैनल वो 'म्यूजिक', 'डांस', 'भजन' कैटेगरी होती है जिन्हें आप टाटा स्काई, एयरटेल जैसे डीटीएच सर्विस प्रोवाइडर के होम पेज पर देखते हैं. फिर, अगर ये मामला था, तो क्या ये टैनल सिर्फ एक डीटीएच प्रोवाइडर पर ही उपलब्ध नहीं होना चाहिए था?

एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में टाटा स्काई के सीईओ ने कहा, 'हमें नमो टीवी की फीड बीजेपी से मिल रही है.' अगर ये सच है, तो इसका मतलब ये है कि नमो टीवी राजनीतिक पार्टी के घटनाक्रम को ब्रॉडकास्ट करने का मामला है. ये आचार संहिता का सीधा उल्लंघन है.

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