2022 के इस युग में एक दलित को अपनी बेटी की शादी के लिए लेना पड़ा पुलिस का सहारा
किसी नीची जाति की शादी ज्यादा रंग-ढंग से ना हो ऐसा आपने फिल्मो में देखा होगा लेकिन आज हकीकत में हम आपको एक ऐसी ही कहानी से रूबरू कराने जा रहे है जिसमे एक दलित को सही ढंग से शादी करने पर कुछ ऊँची जाति के लोग विरोध कर रहे है।
ऐसा ही कुछ मामला भरतपुर में देखने को मिला जहाँ पर एक दलित को अपनी बेटी की शादी धूम धाम से करने के लिए पुलिस का सहारा लेना पड़ा।
भरतपुर में दलित दूल्हे की बरात भारी पुलिस सुरक्षा बल के घेरे में निकाली जा सकी। कुछ ऊंची जाति के लोग गांव में दलित दूल्हे की बरात निकलने का विरोध कर रहे थे। जिसके बाद जिला कलेक्टर आलोक रंजन और जिला अधीक्षक श्याम सिंह भारी पुलिस बल के साथ रातभर गांव में तैनात रहे और दलित की बरात सुरक्षित गांव से निकलवाई।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार मामला कुम्हेर थाना इलाके के गांव सह का है। गांव के एक दलित व्यक्ति की बेटी की शादी थी। वर पक्ष बरात लेकर पहुंचे पर कुछ उच्च जाति के दबंग गांव से बरात निकलने नहीं दे रहे थे।
जिसके बाद सूचना पर जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक पुलिस बल के साथ गांव पहुंचे। जिसके बाद पुलिस सुरक्षा के घेरे में दूल्हे की बरात गांव से होकर निकाली जा सकी। इस दौरान पूरे गांव में तनाव रहा।
आंबेडकर रैली निकालने को लेकर हुआ था तनाव
दरअसल, 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती पर रैली निकालने पर गांव में दो पक्षों में झगड़ा हो गया था। दोनों तरफ से पुलिस को शिकायत दर्ज करवाई गई। जिसके बाद तीन लोग गिरफ्तार भी किए गए। दलित समुदाय के लोग गांव छोड़कर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे। जिसके बाद पुलिस सुरक्षा में उनको गांव वापस भेजा गया।
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